Real Story Of Ashab-E-Kahf In Hindi

आज हम बात करेगें Surah Al-Kahf के किस्से, Ashab-e-Kahf मे जो दुआ का जीक्र है, उसके बड़े में कुछ बातें करूंगा।

ये किस्सा बहुत ही मुख्तलिफ है, बाकी किस्सों से कुरान के, और ये सिर्फ एक ही दफा जिक्र किया गया है।

इस किस्से की खुसूसियत पहले समझ लीजिए, पहली बात तो ये है की कुछ ऐसे ही नौजवानों की बात हो रही है, जिनको ना किसी पिछले नबी का इलम था, ना इनकी सोहबत में कोई नबी थे, ना इनके पास किसी वही का इलम था, एक ऐसी सोसाइटी में थे जहां तक हमारी तार्किके नही थी।

ऐसी सोसाइटी मे थे जहां यूनानी खुदाओं को (ग्रीक गॉड्स) को इबादत किया जाता था, उनकी इबादत की जाति थी, और यह बहुत अमीर फैमिली से थे, और यह किस्सा जब हुआ था, और इसकी जो शोहरत हुई थी, कुरान के आने से पहले तकरीबन 70 से 120 साल के दरमियां।

इस किस्से की बहुत ज्यादा शोहरत हो चुकी थी ईसाई दुनिया में, खासकर सीरिया में, शाम में जो इसाई है याक़ूबी उनके यहा कहा जाता है, उनके यहां इनकी बहुत शोहरत थी, इनके किस्से का तर्जुमा यूनानी जवान में भी हो चुका था, और अरबी में बहुत कम पाया जाता था, लेकिन ज्यादातर दूसरी ज़ुबानी में इनका किस्सा था, और इनके नाम पर चर्च भी बना दिए गए थे, तो गिरजा थे जिम इनके नाम पर पूरे त्योहार किया जाते थे, डी फेस्टिवल ऑफ डी सेवन सेइंटस, यानी साथ जो इनके सेइंटस हैं, जो इनके पीर हैं, इन बुजुर्गों के नाम पर, पूरे रोजे रखें जाते थे, और फिर दावते की जाति थी।

आपने देखा होगा कभी चर्च के अंदर पेंटिंग्स बनी होती है, तस्वीर बनी होती है, मरियम की, ईसाई अलैहि स्लाम की, इसी तरह इनकी भी पेंटिंग्स बनी हुई है, अभी भी अगर आप गूगल करें तो आपको मिलेगी, अभी तक उन चार्ज की पेंटिंग मौजूद है, जहां इनको दिखाए गया है की ये साथ है, कुरान नहीं तो इसका एतराज नहीं किया की वो कितने हैं, इस बात को आगाज नहीं किया, की वो साथ है, और साथ में उनका कुत्ता है, और अंदर जो है वह दफन हुए हैं, किसी गर के अंदर फैंस हुए हैं, और सो रहे हैं तो, उनको सेवंथ स्लिपर्स के नाम से मशहूरी था इसीइ दुनिया में।

कुरान ने इस किस का जिक्र किया, उसको अपने लिए दोबारा से क्लैइम् किया है, और ये बात बाजेह कीये कि जो किस्सा ईसाइयों के यहां मशहूर था, उसमें बहुत साड़ी इन्हेराफात थी, और उनके नाम पर बहुत बड़े-बड़े झूठ खड़े कीए गए थे, और इस किस्से को दोबारा सही तरीके से बनाने की जरूर थी, और इन नौजवानों के नाम को, और इनकी लिगसी को, इन्होंने जो पीछे अपने एक अजीम मिसाल छोड़ी है, उस मिसाल को दोबारा अपनी हकीकत पर लाकर उसको रिस्टोर करने की जरूर थी।

तो इसलिए अल्लाह ताला ने जब ईनके किस्से का  जिक्र किया, तो इस तरह से किया की हम तुम्हें इनका किस्सा हक के साथ बताएंगे, यानी जो  बातिल बातें थी वो औरो ने फैला दी है, पहले बार अल्लाह ने हमें इनके बड़े में बताइए, की आप नहीं जानते थे, की यह हमारे बहुत ही करिश्मा में से, मौजजो मे से थे, जब लड़के गुफ़ा की तरफ गए, तो ये पहले समझ ले की इसमें मौजजा क्या है, असल में बात ये कहीं जा रही है की।

क्योंकि यहां फीत्तिया लब्ज खास इस्तेमाल हुआ है, आमतौर पर लोगों के लिए उनकी उम्र का जिक्र नहीं होता, लेकिन खास अल्लाह ताला ने यहतमाम किया की इन नौजवानों के लिए फिथिया का लब्ज इस्तेमाल किया जाए, हमें इस बात की तरफ गौर दिलाने के लिए की, इनका ये जो करनामा है की इन्होंने अपनी सोसाइटी को छोड़ा, और ये गार की तरह भागे, इसमें जो अजीब चीज है वो ये है की ये नौजवान थे, और इस नौजवान की उम्र में उनके सामने साड़ी दुनिया थी।

क्योंकि अमीर फैमिली से थे, तो यह मजे भी कर सकते थे, शराब भी पी सकते थे, इनकी कोई हालाल हराम की कोई कैद नहीं है, जो आइआशीया करनी है, जो मजेभी कर सकते थे, पैसे भी थे इनके पास, आपस में दोस्त भी थे, सब चीज थी इनके पास, लेकिन जब एक दिमाग में बात ए गई की हम मुख्तलिफ खुदाओं की इबादत नहीं कर सकते, हम नहीं करेंगे, उनका त्योहार होने वाला था ग्रीक ईश्वर का, तो वहां बड़े-बड़े मुजस्मै बन्ने थे, और बादशाह ने आके उसकी इनॉग्रेशन करनी थी।

 तो इन लड़कों ने आपस में ही बात करके इनको ख्याल आया की एक ही खुदा होगा, और किसी चीज का इनकार नहीं किया उन्होंने, वस इनके त्योहार में हम शिरकत नहीं करेंगे, तो वो इतना बड़ा जुल्म बन गया की उन्होंने अपनी फैमिली को रिजेक्ट किया,  अपने फैमिली के ट्रेडीशन को रिजेक्ट किया, अपनी सोसाइटी को रिजेक्ट किया, यहां तक की उनकी जो सियासत है, वो सियासत में भी अगर बादशाह के मजहब का इनकार किया जाए तो वो बादशाहात का इनकार भी होता है, वो तो फिर उनको सजाए मौत मिली थी।

तो इनको वार्निंग दी थी क्योंकि ये बड़े घराने के लड़के थे तो उनको कहा,  कुछ दिन सोच लो अकल ठिकाने ए जाएगी, शायद यह नौजवानी का जोश है की तुमने उल्टी-सीधी बात की है, बादशाह की और बादशाह के मजहब की तोहीन की है, तुम्हे कुछ दिन दिए जा रहे हैं तुम्हें दोबारा ट्रायल पे लायेंगे, अगर उस बक्त भी तुमने अपनी बात को रिट्रेक्ट नहीं किया, तो फिर तुम्हें सजाए मौत दे दी जाएगी, तो उस मोहलत का फायदा उठाते हुए, ये लड़के भागे हैं, और यह अपनी साड़ी लग्जरी, साड़ी आराम की जिंदगी, सब कुछ छोड़कर, वह गाड़ की तरफ निकले है, जब ये नौजवान गाड़ की तरफ गए पनाह लेने के लिए।

 तो उन्होंने कहा हमारे रब हम ऐसी जबरदस्त मुसीबत में है, हमें हर तरफ से जो है मौत नजर आ रही है, हम अपनी स्टेटमेंट को वापस ले सकते हैं, हमारी जिंदगी वापस चली जाएगी, लेकिन हमने आपको मान लिया है, अपने-अपने रब को मान लिया, आप अंदाज़ करें तो यह दुआ वो अपनी जुबान में कर रहे हैं, और उन्होंने यह दुआ किसी किताब में नहीं पड़ी उनके दिल से ये आवाज निकली है, की हमारे रब आप ही अब हमारी मदद कर सकते हैं, आप ही के खास रहमतों में से कोई रहमत आएगी तो हमारा कोई एहतराम होगा वरना क्या करेंगे।

 और हमारे लिए माहियां कर दे, हमारे लिए आसानियां कर दे, हमारे इस फैसले मे, यानी हमने ये सीधा रास्ता चुना है इसमें हमारे लिए आसानियां पैदा कर, और वह जा रहे हैं गाड़ की तरफ, गाड़ में तो आपको पता है, ना कोई लग्जरी होगी, ना टेंपरेचर कंट्रोल होगा, ना खाना होगा, यहां तक के वहां सांप भी हो सकते हैं, कीड़े मकोड़े भी हो सकते हैं, मुश्किलात भी हो छक्ति हैं, खतरे भी हो सकते हैं, लेकिन उनके पास कोई चॉइस नहीं है, और कोई जगह जान को है नहीं, पहाड़ों में जाके वो चुप गए, गाड़ में जाके किसी में घुस गए, और जाते हूए दुआ कर रहे हैं।

इन लड़कों के पास और कोई इलम नहीं है, किसी नबी के बड़े में कुछ नहीं जानते, किसी किताब के बड़े में कुछ नहीं जानते, बस हमको यह पता है की हमारा एक रब है, और हम इस की इबादत करेंगे, और हम उसके नाम पे कोई और शीर्क करने को तैयार नहीं है, कुछ भी हो जाए, हमने सिर्क नहीं करना, हमने एक ही रब को मानना है, उन्हें पता भी नहीं की वो उनसे चाहता क्या है, उनको इतना भी नहीं पता, लेकिन बस इतना पता है की हम एक ही रब की इबादत कर सकते हैं।

गाड़ के अंदर जाते हुए भी इस बात का एहसास है की, यह जाना भी, ये गाड़ का मिलन भी अल्लाह ताला की तरफ से रहमत है, और अभी इस मुश्किल में रहमत तो सिर्फ आप ही की तरफ से आ सक्ति है, हमने यह फैसला किया है सीधा होने का, लेकिन इस फैसला की वजह से अब जो मुश्किलें आ रही है, उसको आसन करना सिर्फ आपके हवाले हम कर नहीं सकते, हम जितना कर सकते थे कर दिया, ये लड़के अपनी सोसाइटी को छोड़ने को तैयार हो गए, हमने अपने खुदा को नहीं छोड़ना।

फैमिली को छोड़ देना, अपनी सेफ्टी को छोड़ देना, अपनी सोसाइटी को छोड़ देना, लेकिन इसके बाद अब क्या करेंगे, अगला खाना कहां से आएगा, पानी कहां से पियेंगे, नहीं मालूम, जव उन्हे इस बात का एहसास हुआ की हमने कदम तो ले लिया, लेकिन बाकी रास्ता तो बंद है हमारे सामने, हमारे फैसला में जो सही चॉइस है उसकी तरफ हमारे लिए वो चीज मुहाएं कर दीजिए, तो अल्लाह ने कहा तो हमने उनके कानों पर एक जरब लगाई, यानी उनके कान बंद हो गए, कई सालों तक यानी बाहर शोर हो रहा हो, बारिश हो रही हो, जलजला हो रहा हो।

बाहर लोगो का झूम लगा हो, उनको कोई आवाज नहीं आनी, उनकी नींद कोई खराब नहीं करेगा, और फिर उनको कई सालों बाद हमने उठाया, नींद से उठाई यानी अल्लाह ताला ने कायनात बादल दी, अल्लाह ताला ने वो साड़ी कायनात अपने इन नौजवानों के लिए रोक दी, और ये अंबिया नहीं थे यह सिर्फ नौजवान लड़के थे, अल्लाह ताला हमें एक बहुत अजीम बात बता रहे हैं, की इस दुनिया में जब हम समझते हैं की हर चीज जो है वो मैटेरियलिज्म के जारीए से आएगी।

उसमें अल्लाह ताला ने हमें कितना अजीम दर्जा दिया है, की जब मेरे इमान पर आकर, मेरी तकाजों में पूरा उतर कर नौजवान जब मेरी तरफ आएंगे, और बाकी दुनिया के सारे रास्ते उनके लिए बैंड हो जाएंगे, तो मैं अपना दरवाजा खुला रखूंगा, और मैं उनके लिए सूरज की सहमत बदलने को तैयार हूं, मैं इस वक्त को रोकने को तैयार हूं, कितने सो साल वो सोते रहे और फिर जाकर वो उठे हैं, और फिर जाके कहते हैं भूख लगी है खाना खाते हैं।